बैतूल चीफ जस्टिस को धमकी का मामलाः आरोपी भीमसेना प्रदेश प्रभारी को मिली जमानत, समर्थकों को ने जेल के सामने बैंड बाजे से की आगवानी
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भीमसेना प्रभारी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को मार गिराने की धमकी देने वाले भीम सेना प्रदेश प्रभारी को 6 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था,जिसके बाद आज शनिवार बैतूल कोर्ट ने जमानत दे दी, उन्हें आज शनिवार के दिन देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया। बैतूल जेल से रिहा होने से पहले ही भीम सेना सहित उनके समर्थक जेल के सामने एकत्रित हो गए थे और जेल से निकलते ही समर्थकों की पंकज अतुलकर का फूल मालाओं और बैंड बाजे के साथ आगवानी की, भीम सेना प्रभारी 4 दिन पहले CJI के खिलाफ फेसबुक पोस्ट की थी। जिस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
वे आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले से नाराज थे।
प्रधान जिला और सत्र न्यायालय ने गुरुवार ही पंकज अतुलकर को 25 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी थी। हालांकि, पुलिस ने बलवे, आगजनी और सरकारी कार्य में बाधा के एक अन्य मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने सीजेआई को धमकी वाले मामले में गंज पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गैर पंकज को धारा 196(1),351(3) और 66 आईटी एक्ट में 25 हजार रू के निजी मुचलके पर जमानत दी। जबकि एक साल पहले आजाद वार्ड में हुए बलवे आगजनी मामले में 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी है। बलवे के इस मामले में चार आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
देर शाम तक आदेश पहुंचने के बाद पंकज के जेल से रिहा हुए। कोर्ट ने उसे पिछले 6 अगस्त को ज्यूडीशियल हिरासत में जेल भेज दिया था। इस मामले में आज अधिवक्ता दर्शन बुंदेला और नीरज खातरकर ने पंकज की ओर से पक्ष रखा। हालाकि अभियोजन ने इस जमानत का विरोध किया।
पंकज ने सोमवार अपने फेसबुक अकाउंट पर एससी एसटी तबके के लिए आरक्षण को लेकर दिए फैसले का विरोध जताते हुए पोस्ट की थी। पंकज की इस पोस्ट पर 27 लोगो ने कमेंट भी किए है। जबकि 83 लोगो ने इसे फॉरवर्ड और 68 ने लाइक किया था। इस पर बैतूल गंज पुलिस ने उस पर बीएनएस की धारा-196 (1), 351 (3) और 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
आरोपी ने सोशल मीडिया पर डाली थी पोस्ट
गुलाम भारत को आजादी दिलाने वाले महान क्रांतिकारियों को हम शत शत नमन करते हैं। गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के परिपेक्ष्य में हमारे महान क्रांतिकारियों ने जिस प्रकार अंग्रेजों और अंग्रेजों के गुलामो को बन्दूक, फरसे और अन्य हथियारों से मारा था उसी प्रकार मैं पंकज अतुलकर भी आवाहन करता हूं कि मुझे मौका मिला तो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जिसने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के लोगो को गुलाम बनाने का फैसला सुनाया है और संविधान का भी उल्लंघन किया है।
ऐसे कुटिल मानसिकता वाले सामंतवादी धनन्जय यशवंत चन्द्रचूढ़ को मार गिराउंगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को कीड़े मकोड़े के जीवन का सामना न करना पड़े। आप सभी से अपील है कि समाज के लिए लड़ते रहे…
हालांकि, पंकज ने अपनी गिरफ्तारी से पहले इस पोस्ट को लेकर अपनी सफाई में कहा था कि मैंने कोई धमकी नहीं दी है। मेरा वक्तव्य साफ साफ है की जो महान क्रांतिकारी हुए है। उन्होंने जैसे भारत को आजादी दिलाई थी। उसी तारतम्य में मैंने गुलाम बनाने वाले को ऐसा किया जा सकता है कहा है। इसे धमकी नहीं कहा जा सकता।