जामगांव में जंगली सुअरों का आतंक: किसानों की फसलें बर्बाद, मुआवजे की मांग में ग्रामीणों का आंदोलन की ओर इशारा
जहां जंगली सुअरों के आतंक ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।” और आप देख रहे हैं जनता दरबार। आज की खास रिपोर्ट में, हम आपको मुलताई के जामगांव गांव की ओर ले चलेंगे, जहां जंगली सुअरों के आतंक ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।”
जमगांव में जंगली सुअरों के हमले से किसानों की साल भर की मेहनत मिट्टी में मिल गई है। यहाँ मक्का की खड़ी फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, और किसान अब अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।”
प्रकाश ने बताया कि हमने कर्ज लेकर ये फसल लगाई थी। अब ये सब बर्बाद हो गया है। हमने पटवारी को शिकायत दी, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली। अगर हमें मुआवजा नहीं मिला तो हमें आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता नहीं दिखता।”
पीड़ित प्रकाश की ही तरह, जामगांव के कई अन्य किसान भी इसी पीड़ा से गुजर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने वन विभाग को कई बार सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब किसान आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।”
यहां की स्थिति बहुत ही गंभीर है। जंगली सुअरों के लगातार हमलों ने किसानों की सारी मेहनत को चौपट कर दिया है। शासन प्रशासन की निष्क्रियता ने इन लोगों को खुद की फसलें बचाने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया है।”
हमने शासन प्रशासन से कई बार मदद मांगी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब हमें एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा। हमारी मेहनत बर्बाद हो रही है, और इसके लिए हमें मुआवजा चाहिए।”
जामगांव के किसान आज कठिन दौर से गुजर रहे हैं, और इस संकट में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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