मुलताई _राष्ट्रीय स्वयंसेवक के कार्यकर्ताओ ने मनाया बड़ी धूमधाम के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार

Janta darbaar 24 Jitendra Kapse

मुलताई _भारत का सनातनी हिंदू समाज जिन उत्सवो को मनाता है ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक भी हर्षोल्लास से उन्ही उत्सव को मनाता है। इसी कड़ी में रक्षाबंधन उत्सव का आयोजन नगर के ताप्ती परिक्रमा मार्ग स्थित गायत्री मंदिर पर किया गया। जिसमें नगर के स्वयंसेवक उपस्थित हुए। सभी स्वयंसेवक बंधुओ ने परम पवित्र भगवा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधकर हिंदू समाज की रक्षा का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में जिला बौद्धिक प्रमुख श्री प्रमोद सागरे ने कहा कि रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है जब राजा बलि अपना 100वा यज्ञ करने जा रहे थे तब इंद्र को अपने इंद्रासन की चिंता हुई और वह भगवान विष्णु के पास गए भगवान विष्णु ने उसे समय वामन अवतार धरकर बली से तीन पग धरती मांगी जिसमें एक पद में उन्होंने पूरी धरती नाप ली दूसरे में आकाश जब तीसरा पाव रखने की बात आई तो उन्होंने पूछा कि मैं यह तीसरा पाव कहां रखूं तो बली ने कहा कि मेरे सिर पर जैसी उनके सिर पर पर रखा वह पाताल में पहुंच गया और उसने अपने  वचन को निभाया । भगवान ने प्रसन्न होकर उनसे वर मांगने को कहा उन्होंने कहा कि भगवान आप हमेशा मेरे सम्मुख रहे तभी भगवान उनके द्वारपाल हो गए तब लक्ष्मी जी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधकर भगवान विष्णु को द्वारपाल से मुक्ति दिलाई। देवासुर संग्राम में जब सभी देवता परास्त हो चुके थे तब इंद्र इंद्र भयभीत हो चुके थे तब उन्हें उनकी पत्नी सच्ची ने रक्षा सूत्र बांधकर युद्ध के मैदान में भेजो और वह विजय होकर लौटे महाभारत काल में भी जब भगवान कृष्ण ने अपने बुआ के पुत्र का वध किया तो उनकी तर्जनी उंगली में चोट आई चोट आने पर द्रौपदी जी ने उन्हें अपनी साड़ी के चीर से उंगली को बांधा जब दुशासन द्वारा उनका चीर हरण किया जा रहा था तभी भगवान कृष्ण ने द्रौपदीके चीर को बढ़ाकर उनकी रक्षा की आज केवल बहन भाई को रक्षा सूत्र बांधकर अपने रक्षा की प्रतिज्ञा लेती है लेकिन ऐसा नहीं है जब राजा दूसरे राजा पर आक्रमण करता था तब रानिया उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर देश की रक्षा हेतु युद्ध के लिए प्रेरित करती थी और वह विजयी होते थे यह पर्व केवल भाई-बहन तक न सीमित होकर सभी का है हम अपने चक समाज में कमजोर है उन्हें आगे बढ़ने का उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने का भी आज के दिन संकल्प लेते और उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर भरोसा देते हैं कि  हम सभी सहोदर है सभी को उन्नति के समान अवसर प्राप्त हो इसका संकल्प लेते। समाज में कोई ना छोटा है ना ही बड़ा है सभी समान है ना किसी की जाति ऊंची है और ना किसी की जाती नीची
गायत्री मंदिर में रक्षाबंधन उत्सव मनाने के पश्चात सभी स्वयंसेवक बंधु नगर की सेवाबस्ती गांधी वार्ड  निवासी अपने समाज बंधुओ के बीच रक्षा सूत्र बांधने पहुंचे एवं समरसता का संदेश दिया। सभी स्थानीय निवासी नागदेव मंदिर के पास स्थित हनुमानजी के मंदिर पर एकत्रित हुए। अपने बीच स्वयंसेवक बंधुओं को उपस्थित देखकर बस्तीवासियों में अत्यंत हर्ष का माहौल था। जहां पर जिला कार्यवाह श्री आशीषचंद्रजी शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी हिंदू भारत माता की संतान है। कोई भी हिंदू पतित नहीं है। हमारी दीक्षा हिंदू संस्कृति की रक्षा करना है तथा सभी हिंदुओं में समानता का भाव उत्पन्न करना है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी समाज बंधुओ की समानता एवं उत्थानकी बात करता है। हिंदू समाज रविदास, महर्षि वाल्मीकि जी, गाडगे जी तथा डॉ. भीमराव जी अंबेडकर आदि सभी महापुरुषों को अपना आदर्श मानता है। कार्यक्रम में मुलताई नगर संघचालक श्री जयेशजी संघवी उपस्थित थे।

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