मुलताई-पवित्र नगरी घोषित होने के 15 वर्ष बाद भी मुलताई को लेकर शासन प्रशासन का रवैया उदासीन

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने नगर के धार्मिक संगठन बैतूल हुए रवाना

Janta darbar 24 Jitendra Kapse

मुलताई_ वर्ष 2009 में मां ताप्ती की नगरी मुलताई को शासन द्वारा पवित्र नगरी का द का दर्जा दिया गया था जिससे ताप्ती भक्तों में हर्ष व्याप्त था लेकिन धीरे धीरे 15 वर्ष बीत जाने के

बावजूद पवित्र नगरी के नियम कानून लागू नहीं होने तथा प्रशासन का रवैया उदासीन होने से ताप्ती भक्तों की खुशी काफूर हो गई। इतने वर्षों में जहां अन्य धार्मिक एवम पवित्र नगर विकास का परचम लहरा रहे हैं वहीं मुलताई अभी भी उपेक्षित पड़ा हुआ है।

मुलताई पवित्र श्री क्षेत्र के लिए कोई भी कार्य नहीं होने से अब नगर के ताप्ती भक्तों के द्वारा शासन प्रशासन को कुभकणी नींद नींद से से जगाने जगाने का बीड़ा उठाया गया है ताकि मुलताई पवित्र नगरियों की मुख्य धारा से जुड़ सके

विगत दिनों धार्मिक संगठनों की बैठक में कलेक्टर को मंगलवार ज्ञापन सौंपने के निर्णय के बाद सुबह धार्मिक सहित – विभिन्न जागरूक संगठनों के सदस्य कलेक्टर से मिलने बैतूल रवाना हुए। ताप्ती भक्त दिनेश कालभोर ने बताया कि राजपत्र में पवित्र नगरी का प्रकाशन होने के बावजूद शासन प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ मुहिम चलकर मुलताई को पवित्र नगरी का वास्तविक तौर पर दर्जा दिलाना ही सभी ताप्ती भक्तों का मिशन बन गया है तथा इसके लिए जिस स्तर तक लड़ाई लड़ना होगा हम सभी मिलकर लड़ेंगे लेकिन अंब उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि यदि कलेक्टर को ज्ञापन देने के बावजूद मांग पूरी नहीं होती है तो – आगे आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि

मुलताई नगर पंचायत श्री क्षेत्र में स्थित – प्राचीन मंदिरो को चिन्हांकित कर उनका पंजीयन तथा उनके रख-रखाव एवं संपत्ति की सुरक्षा करना । मंदिरों में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए

विभिन्न सुविधाओं के लिए व्यवस्था करना । धार्मिक त्यौहारों को चिन्हांकित कर ऐसे अवसरों पर होने वाले विभिन्न सामुहिक कार्यक्रमों का आयोजन करना तथा पर्यटन विकास कार्यकम करना प्रमुख मांगे हैं।

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