Janta darbar24 आमला से कमलेश माकोड़े की रिपोर्ट
महिला सशक्तिकरण संवाद एवं सम्मान समारोह: नारी शक्ति को सलाम
आमला। अधिवक्ता संघ आमला द्वारा नगर में महिला सशक्तिकरण संवाद एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। विशेष रूप से नगर पालिका में सफाई कार्य करने वाली श्रीमती पिंकी को उनके अद्वितीय समर्पण एवं कर्तव्यनिष्ठा के लिए सम्मानित किया गया।
श्रीमती पिंकी, जो नगर पालिका में सफाई कार्य करती हैं, ने अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों को साझा किया। पति की मृत्यु के बाद उनका बच्चा, जो मंद बुद्धि है, उनकी सबसे बड़ी चिंता बना रहता है। जब भी वह काम पर जाती हैं, उनका बेटा घर से कहीं भी चला जाता है, जिससे उन्हें हर रोज उसे ढूंढने में समय लगाना पड़ता है। माता-पिता, सास-ससुर और पति सभी का देहांत हो चुका है, जिससे उनके लिए अपने कर्तव्यों को निभाना और अपने बच्चे की देखभाल करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसी विषम परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपने कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके लिए उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बैतूल श्री दिनेश थपड़ियाल उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और क्षमता का परिचय दिया है। विशेषकर शिक्षा क्षेत्र में, जहाँ 60% से अधिक महिला शिक्षिकाएँ कार्यरत हैं। न्यायपालिका में भी महिलाएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं और अब 60 से 70% न्यायाधीश महिलाएँ बन रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएँ अब फाइटर प्लेन भी चला रही हैं और हर क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रही हैं। उन्होंने मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि महिलाओं की भूमिका आज के समाज में अनमोल और अपरिहार्य है।
महिला न्यायाधीश चारू व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाओं की सफलता के पीछे पुरुषों का भी सहयोग और समर्थन महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रोत्साहन और संरक्षण देकर उन्हें और आगे बढ़ाया जा सकता है।
कार्यक्रम में कुटुंब न्यायालय बैतूल के न्यायाधीश शिव बालक साहू, वायु सेना अफवा की अध्यक्ष सुजाता रेड्डी, स्टेट बार काउंसिल के चेयरमेन राजेश व्यास ने भी महिलाओं के सशक्तिकरण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें और अधिक सक्षम बनाया जा सकता है।
उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान
इस अवसर पर उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। आदिवासी क्षेत्र में महिलाओं की शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने वाली महिलाओं को जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा शाल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। जनपद सदस्य धर्मरती सुखराम कुमरे, फुलवंती धुर्वे, अंजिरा इरपाचे को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही दिव्यांग महिला ललिता बाई का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें भी इस समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में विशिष्ट जनों की उपस्थिति
इस समारोह में न्यायाधीश तपेश कुमार दुबे, अधिवक्ता संजय मिश्रा, राजकुमार मिश्रा, सी.एस. चंदेल, मारोती बारस्कर, न्यायाधीश महजबीन खान, मेडिकल ऑफिसर वायु सेना, शिवाली साथिका, तहसीलदार ऋचा कौरव सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता सतीश देशमुख ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय ने किया।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
यह कार्यक्रम महिलाओं के उत्थान और उनके योगदान को पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इससे यह संदेश जाता है कि महिलाएँ समाज में हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रही हैं और उनकी कड़ी मेहनत को मान्यता मिलनी चाहिए। ऐसे आयोजन न केवल महिलाओं को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देते हैं।
नारी शक्ति को नमन!