“रात हिली ज़मीन, दहशत में डूबा मुलताई – भूकंप के झटकों से थर्राया शहर”

पंखे हिले, प्लेटें गिरीं, लोग घरों से भागे बाहर; प्रशासन से अब तक नहीं मिली कोई आधिकारिक पुष्टि

Janta darbar24 एडिटर इन चीफ जितेंद्र कापसे

“रात हिली ज़मीन, दहशत में डूबा मुलताई – भूकंप के झटकों से थर्राया शहर”

पंखे हिले, प्लेटें गिरीं, लोग घरों से भागे बाहर; प्रशासन से अब तक नहीं मिली कोई आधिकारिक पुष्टि

मुलताई (बैतूल)। शनिवार रात करीब 9:30 बजे मुलताई नगर में अचानक आए भूकंप के झटकों ने शहरवासियों को दहशत में डाल दिया। झटके इतने स्पष्ट और तीव्र थे कि नगर के कई इलाकों में फर्नीचर, पंखे और दीवारें हिलती नजर आईं। कंपन महसूस होते ही लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए और सड़कों पर जमा हो गए। यह घटना इतनी अचानक हुई कि अधिकांश लोगों को समझने तक का समय नहीं मिला।

पटेल वार्ड निवासी हेमंत डांगे उस समय एक रिसेप्शन पार्टी में मौजूद थे। उन्होंने बताया, “अचानक ऐसा महसूस हुआ जैसे ज़मीन खिसक रही हो। पैरों के नीचे तेज़ कंपन था और वातावरण में हलचल मच गई।”

राम नगर के धनराज पवार ने कहा, “मैं मेडिकल स्टोर पर बैठा था, तभी दवाइयों के खाली बॉक्स हिलने लगे और पंखा अपने आप झूलने लगा। कुछ सेकंड तक पूरी ज़मीन में कंपन महसूस होता रहा।”

भूकंप के झटकों की पुष्टि ताप्ती वार्ड, सुभाष वार्ड, राजीव गांधी वार्ड, विवेकानंद वार्ड, और पटेल वार्ड सहित अनेक क्षेत्रों से भी हुई है।
शहर के एक लोन में आयोजित एक शादी पार्टी समारोह में तो झटका इतना तीव्र था कि खाने की प्लेटें गिर पड़ीं। वहां मौजूद लोगों ने पहले समझा कुछ गिरा है, लेकिन तुरंत बाद कंपन महसूस किया।

घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर इस विषय पर तेजी से चर्चाएं शुरू हो गईं। लोगों ने अपने अनुभव, वीडियो और फोटो साझा कर यह स्पष्ट किया कि यह किसी साधारण हलचल का नतीजा नहीं, बल्कि भूकंपीय गतिविधि थी।

सौभाग्य से अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को नुकसान की कोई सूचना सामने नहीं आई है। हालांकि, प्रशासन और मौसम विभाग की ओर से अब तक भूकंप की तीव्रता या केंद्र बिंदु को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित सर्वेक्षण कराया जाए और जनता को सटीक जानकारी और जरूरी दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए जाएं, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की अफवाह, भ्रम या भय की स्थिति को टाला जा सके।

चर्चा का विषय

एक शांत रात में अचानक आया भूकंप लोगों के मन में डर और असमंजस छोड़ गया। अब सबकी निगाहें प्रशासन और मौसम विभाग पर टिकी हैं कि वह जल्द से जल्द स्थिति को स्पष्ट करें और आवश्यक कदम उठाएं।

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